
Bhgwan shree Ram jodi
*राम सीय सुंदर प्रतिछाहीं। जगमगात मनि खंभन माहींमनहुँ मदन रति धरि बहु रूपा। देखत राम बिआहु अनूपा॥2॥भावार्थ:- श्री
*राम सीय सुंदर प्रतिछाहीं। जगमगात मनि खंभन माहींमनहुँ मदन रति धरि बहु रूपा। देखत राम बिआहु अनूपा॥2॥भावार्थ:- श्री
जयतु भगवती बगुला परमेश्वरी।। स्त्री की कुंडली में मंगल बुध और शुक्र बैठे होते हैं उसे स्त्री के
नीतिशास्त्र का कथन है:- धन की आमद नित्य बनी रहे शरीर निरोग रहे गृहस्थ आश्रम के लिए सुंदर
यदि नवम भाव का स्वामी गुरु चतुर्थ भाव में कर्क राशि में बैठ जाए गुरु की ताकत कई
जब कोई सत्यता अनुभव से होकर गुजरती है तो वह सिद्धांत बन जाती है।जब वह सिद्धांत बनती है
नीतिशास्त्र का कथन है:- धन की आमद नित्य बनी रहे शरीर निरोग रहे गृहस्थ आश्रम के लिए सुंदर
*ज्योतिष शास्त्र काल के गुणधर्म को बताने वाला शास्त्र है *यह शास्त्र कालका प्रमाणिक इतिवृत्त प्रस्तुत करते हुए
*कुंडली जागरण के बहुत से उपाय हैं लेकिन किसी की कुंडलिनी भगवान के प्रति प्रेम के कारण स्वत:
जब व्यक्ति के पास सभी गुण और सभी योग्यताएं विद्यमान होने के बाद भी उसे कैरियर में सफलता
कभी भी चंद्रमा और बुध एक साथ बैठते हैं तो कलंक लगता है और इस योग में यदि* राहु बढ़ जाता है तो कलंक का दायरा विस्तृत हो जाता है यहां पर चंद्रमा और बुध दोनों को राहु ने अत्यधिक खराब कर दिया चंद्रमा बुध की युति जीवन में संशय उत्पन्न करती है