काल का गुण धर्म

जहर कितना भी असरदार हो साहब मौत तब तक नहीं होती जब तक खुदा न चाहे इस संसार में बिगाड़ने वाले बहुत होते हैं हर संभव कोशिश करते हैं बिगाड़ने की

जहर कितना भी असरदार हो साहब मौत तब तक नहीं होती जब तक खुदा न चाहे इस संसार में बिगाड़ने वाले बहुत होते हैं हर संभव कोशिश करते हैं बिगाड़ने की । किन्तु परमात्मा अनन्त समर्थशाली होता उसकी एक दृष्टि मात्र से सभी षड़यंत्र नष्ट हो जाते हैं।विपरीत परिस्थितियों में संकट में ईशकृपा ही संजीवनी होती है। रब राजी तो सब राजी ।। व्यक्ति का भाग्य अनंत गुना समर्थ वान होता है काल पुरुष की कुंडली में नवम भाव भाग्य का होता है भाग्य का नैसर्गिक और गुरु होता है गुरु धर्म का कारक होता है। नाड़ी ज्योतिष में गुरु को जीव कारक माना जाता है यदि गुरु का संबंध राहु से बन जाए 6 8 12 के स्वामी से बन जाए तो जीवन में कष्ट परेशानी और संकट की संभावना होती है खतरा तब ज्यादा बढ़ जाता है जब गुरु गुरु के साथ-साथ मंगल और तात्कालिक लग्नेश कमजोर हो और आयु कारक शनि भी पीड़ित हो ऐसे व्यक्ति अधिक आयु तक नहीं जीते अल्प समय में मृत्यु को प्राप्त करते यदि इसी बीच कोई मदद करने वाला ग्रह रक्षा करने वाला ग्रह गोचर में आ जाता है व्यक्ति आईसीयू से भी बाहर आ जाता है और जीवन बच जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *