नाड़ी ज्योतिष शास्त्र में ग्रह की दृष्टियों के मर्म और उनके सिद्धांत की चर्चा करते हैं । लौकिक जीवन में हमारी कई व्यक्तियों से इशारों इशारों में बात हो जाती है कोई हमारे ऊपर मित्रवत दृष्टि रखता है कोई शत्रुवत रखता है। मित्रवत दृष्टि ग्रह को आत्मबल को देती है।