गुरुदेव आचार्य डॉक्टर नरेंद्र दीक्षित की कलम से✍️🌹
कर्क लग्न में चंद्रमा लग्नेश होता है लग्नेश का अष्टम भाव में स्थित होना शुभ फलदायक नहीं होता है नैसर्गिक रूप से चंद्रमा का कुंभ राशि में स्थित होना अशुभ नहीं कहा जा सकता चंद्रमा की अष्टम भाव गत स्थिति के फल स्वरुप जातक को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ता है दूसरी ओर स्वभाव में प्रतिकूलताओं के चलते व्यावहारिक कठिनाइयां भी आती हैं। इसका अष्टम भाव में स्थित होना एक ओर जहां रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी करता है वही लग्नेश के रूप में चंद्रमा के अष्टम भाव में होने से जातक को मौसम जनित बीमारियां मनो रोगों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील रहना पड़ता है। चंद्रमा का अष्टम भाव पर बैठना जातक को शीघ्र आवेश में आने वाला व्यंग और कठोर वाणी बोलने वाला अंतर्मुखी आ व्यवहारिक सामंजस्य में कमी कंजूस होता है। यह कुंडली है एक स्त्री जातक की जातक की नौकरी लग गई विवाह हो गया विवाह के बाद नौकरी छोड़ना पड़ा दांपत्य जीवन में क्लेश होने लगे जिसके फलस्वरूप जाति का तनावग्रस्त रहने लगी अंतर्मुखी स्वभाव की इस जातिका को पति और परिवार जनों ने सहयोग नहीं दिया। इसकी जन्म पत्रिका में लग्नेश चंद्रमा अष्टम भाव पर शतभिषा नक्षत्र में स्थित है सप्तमेश सनी सप्तम से द्वादश भाव अर्थात छठे भाव पर बैठा है शुक्र पर केतु का प्रभाव पड़ रहा है सातवें भाव का स्वामी भी अपने से द्वादश भाव में बैठा है अर्थात षष्ठ भाव में अस्त हो गया है। मंगल चतुर्थ भाव में बैठकर के अष्टम भाव को देख रहा है नाड़ी ज्योतिष में सभी ग्रहों की पंचम नवम दृष्टि होती है चतुर्थेश शुक्र भी सप्तम भाव पर बैठा हुआ है। कुंडली में सातवें भाव का स्वामी शनि सप्तम भाव पर केतु की दृष्टि दोनों पीड़ित दिखाई दे रहे हैं। केतू ने सातवें भाव को कमजोर कर दिया शनि छठे भाव में बैठकर कमजोर हो गया चतुर्थ भाव का स्वामी भी केतु की दृष्टि के कारण पीड़ित हो गया अष्टम भाव पर चंद्रमा की उपस्थिति यह संकेत देती है जातिका के वैवाहिक सुख में कमी बनी रहे जातिका को सामंजस्य और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा जाति का हमेशा डर डर कर बनी रहे।जिसकी कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी चतुर्थेश दोनों पीड़ित होते हैं उस व्यक्ति का मानसिक संतुलन अच्छा नहीं होता है वह व्यक्ति जीवन में कंफर्ट और शांति का अनुभव नहीं करता है यदि चंद्रमा भी पीड़ित हो गया तो स्थिति और भी खराब हो जाती है
Gurudev Acharya Narendra Dixit
Ph. 630743751 9628333618
2 Comments.
Thnx!
आदरणीय गुरूजी, चरण स्पर्श
आपके द्वारा लिखे लेख से बहुत ग्यान मिला। इसे हमेशा याद रहेंगे।
आपको नमन
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