जयतु भगवती बगला परमेश्वरी।। तानाशाह या अधिनायक तंत्र वह शासन व्यवस्था होती है जो पूरी तरह निरंकुश होती है तानाशाह शासक सत्ता शक्ति का उपयोग लोकहित में नहीं करता है बल्कि अपने हित में करता है उसके द्वारा बोली गई हर एक बात कानून होती है वही संविधान होती आज हम आपको तानाशाही व्यवस्था और तानाशाहो की कुंडली का सारगर्भित अध्ययन बता रहे ऐसा हमने अपने अनुभव में सोचा है और परखा भी है जन्म कुंडली में लग्न लग्नेश कर्म कर्मेश तृतीय भाव और तृतीयेश का संबंध मंगल से हो रहा हो मंगल बलवान हो सहायता प्राप्त हो ऐसा जातक शस्त्र बल वा सेना के सहारे तानाशाह होता है। जातक की तानाशाही प्रवृत्ति का अध्ययन करने के लिए लग्न लग्नेश तृतीय भाव तृतीयेश दशम दशमेश पंचम पंचमेश एकादश भाव एकादशेश का संबंध बन रहा हो ऐसा जातक तानाशाही प्रवृत्ति के लिए उत्तरदाई होता है। लग्न लग्नेश इसका संबंध जब पाप ग्रहों से होता है त्रिक भावों से त्रिकेश होता है तब जातक तानाशाही और क्रूर हिंसक प्रवृत्ति का होता है। लग्न भाव का स्वामी और लग्न जातक की नैसर्गिक प्रवृत्ति स्वभाव आचार विचार के संदर्भ में बताता है और जब जो हमारा तीसरा भाव होता है वह बाह्य मनोवृत्ति को दर्शाता है। आप लोगों को पता होगा तीसरा भाव धैर्य का पराक्रम का साहस से संबंधित होता है जब तीसरे भाव का संबंध मंगल जैसे पापी ग्रहों से हो जाता है ऐसे जातक में धैर्य का अभाव हो जाता है साहस पराक्रम का प्रदर्शन क्रूर और हिंसक तरीके से करता है। पंचम भाव शिक्षा का है शिक्षा जातक के नैतिक आचार विचार का निर्धारण करती है पंचम भाव और पंचमेश का संबंध यदि पाप ग्रहों त्रिक भाव के स्वामी से हो जाता है तब जातक में तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ जाती है ऐसे जातक जिद्दी हो जाते हैं ऐसे जातकों को तानाशाही प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाली शिक्षा प्राप्त होती है या ऐसी शिक्षा प्राप्त होती है जो सेना हिंसा से संबंधित होती है इसे कमांडो ट्रेनिंग आर्मी ट्रेनिंग इत्यादि। एकादश भाव एवं एकादश भाव का स्वामी मनुष्य की इच्छा पूर्ति का होता है मनोकामना की पूर्ति का होता है साथ ही आय के तरीके को भी बताता है यदि उसका संबंध पापी ग्रहों से हो जाए त्रिक भाव यात्री केस के ग्रहों से हो जाए उसकी तानाशाही प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है जातक की जो मनोकामनाएं होती हैं वह अवैधानिक होती हैं अनैतिक होती हैं क्रूर और हिंसक भी होती हैं साथ ही उसकी पूर्ति का तरीका भी इस तरह का होता है जो अवैधानिक अनैतिक और हिंसक हो अनैतिक तरीके से आय अर्जन भी करता है। राशियों का प्रभाव भी जातक की मनोवृति पर पड़ता है यदि जातक के अधिकतर ग्रह पुरुष राशि में बैठे हो जातक की जो प्रवृत्ति होती हो उग्र होती है जातक उग्रता के कारण समाज में जाना जाता है। लग्न लग्नेश इसके अलावा सूर्य चंद्रमा भी जातक की मनोवृत्ति का निर्धारण करते हैं सूर्य आत्मा का प्रतीक होता है पांचवे भाव का कारक होता है नाड़ी ज्योतिष में सूर्य नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमता को भी देता है एक राजसी ग्रह होता है यदि सूर्य का संबंध पाप ग्रहों और अशुभ भावों के स्वामियों के साथ संबंध बनाता है तो जातक की जो प्रवृत्ति होती है वह तानाशाही हो जाती यदि सूर्य पापा ग्रह की राशि में हूं तो भी जातक उग्र होता है चंद्रमा मन का कारक होता है जातक की मन: स्थिति को प्रदर्शित करता है यदि चंद्रमा शुभ ग्रह और शुभ भावेशों से संबंध स्थापित करता है तो जातक की मनोवृत्ति शांत और कल्याणकारी होती है इसके विपरीत यदि चंद्रमा का संबंध पाप ग्रहों और अशुभ भावों के स्वामियों अथवा त्रिक भावों के स्वामियों के साथ होता है जातक की प्रवृत्ति तानाशाही हो जाती है पराक्रम साहस का नैसर्गिक कारक मंगल होता है जो गुंडा किस्म का होता है जमाना चाहता है मंगल की मजबूत स्थिति मंगल का लग्न तृतीय भाव से संबंध होना जातक को तानाशाह बनाता है मंगल का जितने ही अशुभ ग्रहों से अशोक भाव के स्वामियों से संबंध होगा जातक में हिंसा प्रवृत्ति उतनी ही पड़ जाती है। जातक में नैतिक और न्याय पूर्ण विचारों का जन्म गुरु के बली होने पर होता है शुभ होने पर होता है यदि उसका संबंध लग्न लग्नेश इसके साथ हो तो जातक नैतिक और न्याय पूर्ण होता है यदि गुरु का संबंध पापी ग्रहों से हो अशुभ ग्रहों से अशुभ भावों के स्वामी से संबंधित हो नीच राशि गत हो ऐसा जातक न्याय पूर्ण विचारों पर चिंतन नहीं कर पाता है अन्याय पूर्ण विचारों को सदा सत्य मानता है व्यक्ति का विवेक शून्य हो जाता है वह केवल स्वयं के लिए जीता है उसके हित ही सर्वोपरि होते हैं प्रजा का शोषण करना उसका प्रमुख कर्तव्य होता है ज्योतिष हमारा कहता है आप चाहे हिटलर की कुंडली उठा लीजिए मुसोलिनी की उठा लीजिए चंगेज खान की उठा लीजिए उठा लीजिए उठा लीजिए सद्दाम हुसैन की उठा लीजिए परवेज मुशर्रफ की उठा लीजिए नीरो की उठा लीजिए सब में योग कम या ज्यादा के रूप में दिखाई देंगे।
